Neend...
नींद
जब तुम्हारी थकी थकी पलकें
बंद होकर खुलती हैं
जैसे नींद ने चौकठ से आवाज़ दी हो
और तुम, वापिस आई हो
मुझे बुलाने के लिए, सपनो की उस दुनिया में
होठो पे हरकत करती वो मंद सी मुस्कान
खींच लेती है मुझे
जैसे वादा कर रही है मुझसे कोई
और तुम, मेरे काँधे पर हाथ रखती हो
मुझे बुलाने के लिए, सपनो की उस दुनिया में
अधूरी रह जाती है मेरी कहानी हर रोज़
एक बंद कलम, एक अधूरे काग़ज़ पर
जैसे अधूरा होता हूँ में तुम्हारे बिना
और तुम, लिख देती हो मेरे हाथ पर अपना नाम
मुझे बुलाने के लिए, सपनो की उस दुनिया में

जब तुम्हारी थकी थकी पलकें
बंद होकर खुलती हैं
जैसे नींद ने चौकठ से आवाज़ दी हो
और तुम, वापिस आई हो
मुझे बुलाने के लिए, सपनो की उस दुनिया में
होठो पे हरकत करती वो मंद सी मुस्कान
खींच लेती है मुझे
जैसे वादा कर रही है मुझसे कोई
और तुम, मेरे काँधे पर हाथ रखती हो
मुझे बुलाने के लिए, सपनो की उस दुनिया में
अधूरी रह जाती है मेरी कहानी हर रोज़
एक बंद कलम, एक अधूरे काग़ज़ पर
जैसे अधूरा होता हूँ में तुम्हारे बिना
और तुम, लिख देती हो मेरे हाथ पर अपना नाम
मुझे बुलाने के लिए, सपनो की उस दुनिया में

2 comments:
katl kar diya guru!!!!
veer-gati ko praapt ho gaye aap toh :D
sweet dreams bhupi :)
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